आप भी नकली वंशलोचन खाते हो ?


वंशलोचन एक ऐसा उपहार है हो अपने आप में बड़ा ही अनूठा है आम तौर पर आप देखेंगे कि दवाओ के रूप में आप किस पेड़ या पौधे की जड़, छाल, फूल, फल और भी बहुत कुछ इस्तेमाल करते ही रहते है लेकिन बांस के तनो में एक ख़ास तरीके से इकठा हुआ ये सफ़ेद पारदर्शी स्राव न जाने कितने कितने रोगों में एक रामबाण औषधि का काम करता है आपको इसका उल्लेख चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, भावप्रकाश निघंटु में भी मिल जाएगा, आज इस बंसलोचन को समझते है और ये भी जानने का प्रयास करेंगे की कौन सा वंशलोचन असली होता है कैसे पहचान करे और कब, किसे, और कितना खाना चाहिए

सबसे पहले असली वंशलोचन की पहचान की ही बात आकर लेते है, क्योंकि फायदे तो तभी दे पाएगा जब आप वंशलोचन ही खाए, उसके नाम पर कोई मानव निर्मित केमिकल से तैयार कुछ और ही न खा लें, हालांकि आपको लगभग 80% जगह नकली वंशलोचन ही मिलेगा, और सच कहूँ तो लोग भी उसे ही खा रहे है और फिर ये सोचते है की बंसलोचन काम नही कर रहा ! असली बंसलोचन बहुत ज्यादा नाजुक होता है हलके से दबाब से वो एक दम चूरा चूरा जैसा हो जाता है और देखने में कुछ चूल्हे की राख जैसा दिखता है जबकि नकली बंसलोचन देखने में कुछ कठोर और एकदम सफ़ेद होता है जो कुछ कुछ कपूर से मिलता जुलता हुआ लगता है

1.हड्डियों और जोड़ो की समस्या में एक वरदान

बंसलोचन में मौजूद सिलिका, शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में बहुत मदद करता है, इससे गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और जोड़ो के दर्द में बहुत आराम मिलता है साथ ही जिन लोगो को जोड़ो में लुब्रिकेंट (चिकनाहट) की समस्या हो जाती है उसमे भी ये बहुत मदगार है

2. पाचन तंत्र को सुचारु बनाना

बंसलोचन में आयुर्वेद के अनुसार लगभग वो सभी गुण मौजूद होते है जो हमारे पाचन को सुचारू और मजबूत बनाने के लिए जरुरी माने जाते है, जैसे इसका कसैला और ठंडा गुण आपकी आतों को मजबूत बनता है और दस्त एवं अतिसार को रोकने में मदद करता है जब भी पित्त बढ़ता है तो अपच, गैस, खट्टी डकारे आने लगती है ये उस स्थिति में शांति देता है और अपने एंटी इन्फ्लामेट्री गुण होने की वजह से आतों की सूजन को भी कम करता है

3 . त्वचा और बालो के लिए संजीवनी

बंसलोचन में सबसे कमाल की चीज़ होती है सिलिका, इसके बहुत फायदे है जैसे ये सिलिका बालो की जड़ो को मजबूत बनता है जिससे बाल झड़ते भी कम है और घने व चमकदार बनते है ये ही सिलिका शरीर में कोलेजन बनाने में मदद करता है जिससे आपकी त्वचा में झुर्रियां कम होती है, त्वचा लचकदार व निखार लाने का काम करती है बंशलोचन का शीतल और बल्य स्वभाव त्वचा की उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है

4. श्वसन तंत्र की मदद

बंसलोचन में एक ख़ास गुण होता है इसका Mucolytic (कफ़ नाशक) होना, से सीने में जमा कफ़ को पतला करता है जिससे शरीर से उसका बाहर निकलना आसन हो जाता है और सूखी और बलगम वाली दोनों खासियों में आराम देता है, इसका एंटीइन्फ्लामेट्री गुण bronchial tubes (bronchi) की सूजन को में आराम दे कर अस्थमा जैसी स्थिति में भी आराम देता है इसका शीतल प्रभाव गले में खराश, जलन और सूजन को कम करके हमारी इम्युनिटी को भी बढ़ता है

5. महिलाओ का सच्चा सहारा

6. उपयोग की विधि और मात्रा

  1. पाउडर रूप में:
    250 से 500 मिलीग्राम वंशलोचन का पाउडर दिन में दो बार पानी या शहद के साथ लें।
  2. चूर्ण मिश्रण:
    इसे अन्य आयुर्वेदिक औषधियों जैसे प्रवाल पिष्टी, मुक्त पिष्टी आदि के साथ मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।

3.भोजन में:
इसे च्यवनप्राश या अन्य आयुर्वेदिक टॉनिक का हिस्सा बनाकर लिया जा सकता है।

ऊपर जो भी लाभ बताये गये है उनका लाभ बच्चा, बड़ा, महिला पुरुष कोई भी ले सकता है लेकिन ये बंसलोचन ख़ास तौर से महिलाओ की कई समस्याओ के लिए आदि काल से इस्तेमाल किया जाता आ रहा है, जैसे बढती उम्र में महिलाओ के शरीर में कैल्शियम की कमी आने लगती है ये उसे पूरा करता है, शीतल और कफ्फ पित्त संतुलित करने वाला होने की वजह से ये अत्यधिक रक्त स्राव, कमजोरी और सफ़ेद पानी आने की समस्या में भी लाभ देता है जैसे की हमने पहले भी बताया की आयुर्वेद में इसे बल्य माना गया है इसलिए डिलीवरी के बाद माँ के गर्भाशय के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है और उसे पुन: ताकतवर बनाता है

तो कुल मिला के बात ये है की बंसलोचन है तो एक कमाल की औषधि लेकिन फायदे पाने के लिए आपको अलसी बंसलोचन का सेवन करना चाहिए, आपको असली और नकली का अंतर पता होना चाहिए ताकि आप सही को पहचान कर उसका सेवन करे .

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