आप भी सप्लीमेंट सप्लीमेंट खेलते है ?

आज कल हर दूसरा आदमी फिट दिखना चाहता है, कोई Instagram की रील्स देख कर जिम की तरफ दौड़ लगा लेता है तो कोई YouTube पर Six Pack देख कर Intermittent Fasting शुरू कर देता है, इसके बाद ऊपर से Fat Burner, Pre-workout, Post-Workout, इतनी बॉडी नही बनती जितना की दिमाग घूम जाता है

पर क्या वाकई इन सब चीजों को लेने की जरुरत है? क्या हर किसी को Supplement लेने चाहिए, क्या हर Diet हर शरीर के लिए सही है ? तो आईये आज इन सब चीजों को थोडा ठहर कर आराम से समझते है

🏋️‍♂️ 1. असली फिटनेस, इंस्टाग्राम वाली नहीं होती !

आज कल लोगो को लगता है की Six Pack, Biceps ये ही सब फिटनेस होती है लेकिन असली फिटनेस की परिभाषा ही कुछ और है अगर आपमें नीचे दिए गुण है तो आप 100% फिट है

  • सुबह उठने पर शरीर भरी न लगे
  • बिना हाफें सीढ़ी चढ़ जाएँ
  • छोटा मोटा काम करने में थकावट न हो
  • दिमाग शांत और नींद गहरी हो

ये होती है असली फिटनेस, पर अफ़सोस हम फिट होने के चक्कर में फिट महसूस करना भूल गये है फिटनेस का पहला नियम ही निरंतरता है और ये हर उस Shortcut से बड़ी चीज़ है जिसे आप अक्सर लेना चाहते है

🥗 2. हर बॉडी पर फिट नहीं बैठती इंस्टा वाली डाइट!

आपने अक्सर देखा होगा हर कुछ दिन बाद एक नया ट्रेंड आ जाता है, कभी Keto, कभी Paleo और कभी Intermittent Diet पर एक बाद हमेशा याद रखना

🔸 हर डाइट हर शरीर के लिए नहीं होती।

  • किसी को Low Carb सूट करता है, तो किसी को नहीं
  • कोई फल से भरपूर डाइट से तरोताज़ा होता है,
    तो कोई उससे और थका हुआ महसूस करता है

आपका शरीर एक प्रयोगशाला नहीं है कि हर नया ट्रेंड उस पर आजमाएं।

💡 अपनी भूख, शरीर और दिनचर्या को समझिए।

“सुबह नाश्ता न करो” — ये उनके लिए ठीक है जो 11 बजे तक उठते हैं।
“डिनर स्किप करो” — पर किसान, मज़दूर या मजदूर-सा काम करने वाला क्या करेगा?

कुछ बुनियादी बातें जो हर किसी पर लागू होती हैं:

✅ घर का बना खाना
✅ बहुत ज़्यादा प्रोसेस्ड चीज़ें न खाएं
✅ हर खाने में रंग (सब्ज़ियाँ, फल, दालें) हो
✅ समय पर खाएं, मन लगाकर चबाएं

💊 3. सप्लिमेंट्स: ज़रूरत या सिर्फ मार्केटिंग ?

अब जरा एक नज़र मार लेते है सप्लीमेंट्स की दुनिया पर, जहाँ हर ट्रेनर, फिटनेस चैनल और हर दोस्त एक ही सवाल करता है ” भाई, Whey Protien ले रहा है न ? “ पर कभी सोचा है कि क्या हर किसी को सप्लीमेंट्स लेने चाहिए और जवाब है ” नही “

👉 सप्लिमेंट का मतलब होता है — “पूरक”

यानी की जब हमारी खुराक में सभी जरुरी चीज़े नही मिलती है तब हम उस कमी को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स का सहारा लेते है इसमें समझने वाली बात ये है कि हमे सप्लीमेंट्स का सिर्फ सहारा लेना है उन्हें खाने की तरह नही खाना है “

💊 4 . तीन गोल्डन नियम याद रखें

  • A. Protein Powder – अगर आप दिन में 2-3 बार दाल, दूध, अंडा, पनीर खा रहे है तो हो सकता है आपको इसकी जरुरत ही न हो
  • B. Fat Burners: – अक्सर इनमे Caffeine और Diuretic होते है जिससे कुछ वक़्त के लिए वजन तो कम होगा लेकिन Long-Term में नुक्सान ही रहेगा
  • C. Pre-Workout – अगर नींद पूरी न हो, तनाव हो और उसके बाद भी आप इसका सेवन करते है तो बहुत जल्दी ये आपकी आदत बन जाएगा

जरुरत आखिर कब होती है ?

  • अगर आप Body Building level पर है
  • एथलीट है या High-Performance output चाहिए
  • या डॉ ने Blood test के बाद आपको इन्हें लेने की सलाह दी है

🌱 5. आयुर्वेद क्या कहता है इस सब पर?

“हित्वाहितं सुखं दीर्घमायु: यत् आयुर्वेद उच्यते”
— सही खानपान और दिनचर्या ही लंबी और स्वस्थ ज़िंदगी की कुंजी है।

आयुर्वेद में “आहार” को “औषधि” माना गया है।

आदर्श दिनचर्या क्या हो सकती है?

🕖 सूर्योदय से पहले उठना
🥣 भूख लगने पर खाना
🚶‍♂️ खाने के बाद थोड़ा चलना
🌜 सूर्यास्त के बाद हल्का भोजन
💤 गहरी नींद, समय पर

यह सब सुनने में पुराना लगेगा, लेकिन आज की सबसे बड़ी बिमारियाँ इन्हीं चीज़ों से ही ठीक हो सकती हैं।

🔍 निष्कर्ष: देखिये, समझिये सोचिएं फिर करिए

  • फिटनेस शरीर की दौलत है – जो Shortcut से नही समझ से मिलती है
  • Diet Trend follow करने से पहले एक बार अपने शरीर की सुनिए
  • सप्लीमेंट तभ ही ले जब सच में जरुरी हो वरना शरीर के लिए ज़हर बन जाएँगे

👉 और सबसे जरूरी बात —
सेहत एक LifeStyle है, Event नहीं।
कोई magic pill नहीं है,
बस छोटे-छोटे consistent steps हैं।

📚 आख़िर में — एक बात मन में रखिए

“Body वो जगह है जहाँ आत्मा रहती है — उसका ख्याल रखें, उसे सजाएं नहीं, संवारें।”

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