बड़ो की बीमारियों वाला बचपन !

एक ज़माना था, जब बच्चो की दुनिया खेल कूद, खिलोने और मौज मस्ती में होती थी. लेकिन अब वो मोटापा, डायबिटीज, माइग्रेन, और ऐसी कई बीमार्रियों में घिर चुकी है जो आम तौर पर बड़े लोगो या कम से कम 35 – 40 साल के बाद लोगो में देखने को मिलते थी

तो सवाल ये उठता है कि बचपन में ही बुढ़ापे जैसी बीमारियाँ क्यों घुस गयी है ???

🔍 डिजिटल ज़िन्दगी से खेल कूद गायब

  • आजकल बच्चे ज्यादातर घर के अन्दर और स्क्रीन के सामने ही रहते है
  • कोई कूदना फांदना नही, न मिटटी में खेलना, और पसीने का तो नामोनिशान ही गायब हो गया
  • शरीर कुछ करता नही, फैट जमा हो जाता है , और पाचन सुस्त

पहले शरीर दौड़ता था, अब सिर्फ उँगलियाँ चलती है, और बच्चो के शरीर को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है

🍔 जंक फ़ूड – तंदुरुस्ती का सबसे बड़ा दुश्मन

पहले बच्चो की पहली पसंद होती थी दादी नानी के हाथ का हलवा, खिचड़ी,साग और न जाने क्या क्या , लेकिन बच्चो को चाहिए पिज़्ज़ा , बर्गर , कोल्ड ड्रिंक , फ्राइज , और दुनिया भर का अटरम स्टरम जिससे तो पेट भरता है पोषण नही मिलता… , शरीर तो बड़ा हो जाएगा लेकिन इम्युनिटी नही बढ़ेगी और नतीजा फैटी लीवर ,एलर्जी, डायबिटीज सब शुरू

📱 Early Stress – बच्चो का दिमाग भी थकने लगा है

  • पढाई का दबाब , सबको अपने बच्चे Topper चाहिए
  • स्कूल , कोचिंग , और फिर स्क्रीन
  • दोस्ती और परिवार में Connection की कमी

थका हुआ मन एक बीमार शरीर बनाता है, अब तो बच्चो में भी Cortisol (Stress Hormone) बढ़ने लगा है

🧪 Antibiotics, Painkillers, और तुरंत समाधान चाहिए

  • हर बुखार में दवा
  • हर खांसी में सिरप
  • छोटी सी सर्दी में एंटीबायोटिक

शरीर को लड़ना तो हम सीखा नही रहे है, और फिर कहते है बच्चे कमजोर हो रहे है जबकि Immune System हमने कमजोर किया है

👀 अब क्या करे ? – वही बचपन कैसे वापस लायें ?

1.Outdoor Time = Immunity Booster

  • दिन में कम से कम एक घंटा मिटटी, धूप, हरियाली में बिताएं
  • Football, cricket, cycle, दौड़ कुछ भी चलेगा, बस शरीर एक्टिव रहना चाहिए

2. Fancy Food से Real Food

  • घर का सादा खाना, मौसम वाले फल और सब्जियां
  • दूध, दही, और वो सब कुछ जो कभी दादी बनाया करती थी

✅ 3. Screen Time कम और Nature Time ज्यादा

मोबाइल देने से सिर्फ बच्चा चुप नही होता साथ में ही उसका शरीर और दिमाग भी चुप हो जाता है

4. Self Healing सीखाईये

  • हर छींक और खांसी में दवा मत दीजिये
  • बच्चो को बताईये की शरीर खुद ठीक होंना भी जानता है

🚸 बच्चो को दवा से नही, समझ से ठीक कीजिये

बच्चा बीमार है तो उसे गोली से नही खेल, पौष्टिक खाना, और Nature की गोद चाहिए

बड़ा होकर क्या बनेगा इस सवाल की जगह पूछिए बचपन कैसा बीत रहा है ? क्योकि अगर बचपन बीमार गुजरेगा तो आगे का जीवन गुजारा जाएगा जिया नही जाएगा

🔚 निष्कर्ष – बच्चो को बच्चा ही रहने दें

बच्चो को बचाईये – Adult Disease से, Adult routine से, और Adult Stress से उन्हें वही गिफ्ट दीजिये, जो कभी हमे मिला था मिटटी, मस्ती,माँ के हाथ का खाना और दादी की कहानियां

अगर आप माता पिता है, टीचर है या फिर इस बदलाव को लेकर चिंतित है तो ये लेख उन तक जरुर पहुचईये जो किसी न किसी तरह से एक बच्चे की बचपन की दिशा को तय करते है

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