जरा सा सिरदर्द हुआ, पीरियड टाइम से नही आये, बदन में दर्द हुआ तो झट से एक Painkiller की गोली फांक ली
अब तो दर्द का मतलब ही बन गया है कि गोली निकालो और निगल लो लेकिन के कभी एक बार भी गोली खाने से से पहले सोचा है कि ये जो दर्द हो रहा है तो शायद आपका शरीर आपसे कुछ कहना चाह रहा है क्या आपने कभी आने शरीर की बात सुनने की कोशिश की है ???
Painkiller : शरीर को चुप करा देने वाली गोली
Painkiller : यानी के दर्द निवारक गोलियां , ये काम को आसन कर देती है , दर्द को दबा देती है लेकिन उस कारण को खत्म नही करती है जिससे दर्द पैदा हुआ है

इसे ऐसे समझ सकते हो के आपके घर में आग लग जाए और फायर अलार्म बजने लगे, और आप अलार्म का तार काट दें इससे अलार्म तो आपने बंद कर दिया लेकिन आग ?
Body का Pain एक Signal है Symptom नहीं
हमारा शरीर एक कमाल की मशीन है जब भी कभी कोई गड़बड़ होती है तो वो हमे संकेत देती है – दर्द के रूप में
सर दर्द : नींद पूरी नही हुई ? तनाव है ?
पीठ दर्द : गलत बैठे का तरीका
पेट दर्द : पाचन ठीक नही ?
जोड़ो का दर्द : शरीर में सूजन या गैस ?
हर दर्द के पीछे एक कहानी होती है लेकिन जब हम बिना समझे सीधे Painkiller खा लेते है तो इस कहानी को बीच से ही खत्म कर देते है
Painkiller के छुपे हुए नुक्सान

1.लीवर पर असर : Paracetamol, Ibuprofen जैसे Painkiller का सबसे बड़ा असर हमारे लीवर पर पड़ता है , ये हमारे शरीर के फ़िल्टर सिस्टम को धीरे धीरे थका देते है
2. पाचन तंत्र को नुक्सान : पेट में गैस, जलन, अल्सर लम्बे समय तक Painkiller लेने से आम बात हो जाती है
3. खून का पतला होना और दिल को नुक्सान : अक्सर Painkiller लेने से खून का पतला होना और अचनाक रक्तस्राव या हार्ट प्रॉब्लम का रिस्क बढ़ जाता है
4. इम्यून सिस्टम को दबाना : दर्द को बार बार दबाने से शरीर की अपनी खुद की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे धीरे कमजोर पड़ने लगती है
जब शरीर दवा का आदि हो जाता है
फिर एक ऐसे स्थिति भी आ जाती है जब आपका दर्द बिना दवा के ठीक ही नही होगा फिर चाहे वो सर का दर्द हो या कमर का, कभी न कभी अचानक ही आपके मूँह से अचानक ही निकला होगा के अब तो Painkiller की आदत पड़ गयी है
और जब आदत पड जाए तो समझ लें कि आपके शरीर को खुद की ताकत पर अब भरोसा नही रह गया है
तो आखिर जब दर्द हो तो क्या करें ?
- थोडा ठहरिये, और सोचिये:
दर्द अचानक नही आता , असर में आपका शरीर बता रहा है कि आपने कुछ गलत खाया या पिया है, गलत ढंग से सोये है पानी कम पिया है वगैरह वगैरह - प्राकर्तिक उपचार अपनाईये:
– सर दर्द – सर पर ठंडा पानी डाले या ताजा पुदीने का लेप करें
– बदन दर्द – हल्का गुनगुना तेल लगा कर मालिश करें
– पेट दर्द – अजवायन, सौफ या हींग का प्रयोग करें
– जोड़ो का दर्द – हल्दी वाला दूश या गिलोय का काढ़ा पिए - आराम को इलाज़ समझिये , आलस नही
आज कल की भाग दौड़ वाली जिंदगी में हम आराम को आलस समझते है लेकिन कभी कभी रुकना ही असली
इलाज़ होता है - डाइट और आदत सुधारिए
समय खाना खाना , तनाव से दूर रहना , और पूरी नींद लेना सबसे कारगर उपाय है
दर्द को दबाना बंद कीजिये और समझना शुरू कीजिये
Painkiller से दर्द तो दूर हो जाएगा लेकिन शरीर आपसे जो कहना चाह रहा था वो बात तो अधूरी ही रह जाएगी, हर बार दर्द के लिए गोली लेने पर आप शरीर की चेतावनी को नज़रंदाज़ कर रहे है
जब आप आग लगने पर आग बुझाते है न की आग के अलार्म को तोड़ते है, तो शरीर के अलार्म ओर ध्यान क्यों नही
देते
आखिर में फिर से एक सोचने वाली बात
अब वक़्त है, थोडा रुकने का , समझने का , और शरीर के उस अलार्म को सुनने का
क्यों की जब आप शरीर की सुनेंगे तो वो भी आपकी सुनेगा, बिना गोली के, बिना साइड इफेक्ट्स के और वो भी पूरे अपनेपन के साथ
अगर आपको ये लेख पसंद आया हो तो अगली बार जब भी कोई आपको बोले के पेन किलर खा तो तो कहना
” नही, अब मैं शरीर की सुनता हूँ, ये दर्द मुझे मेरी गलतियों का ध्यान दिलाना चाहता है “
“आयुर्वेदिक ज्ञान को सरल और आत्मीय अंदाज़ में लोगों तक पहुँचाना ही मेरा उद्देश्य है — अंकुर पाठक।”


